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ग़ाज़ा, सूडान और दीगर जगहों पर अकाल के जोखिम का दायरा स्पष्ट

यूएन अधिकारियों का कहना है कि ग़ाज़ा में महीनों की भीषण बमबारी के पास, वहाँ लोगों के पास अपना पेट भरने के साधन नहीं बचे हैं जिससे अकाल की स्थिति उत्पन्न होने का जोखिम है.
© UNRWA
यूएन अधिकारियों का कहना है कि ग़ाज़ा में महीनों की भीषण बमबारी के पास, वहाँ लोगों के पास अपना पेट भरने के साधन नहीं बचे हैं जिससे अकाल की स्थिति उत्पन्न होने का जोखिम है.

ग़ाज़ा, सूडान और दीगर जगहों पर अकाल के जोखिम का दायरा स्पष्ट

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने बुधवार को आगाह करते हुए कहा है कि वर्ष 2023 में दुनिया के विभिन्न 28 करोड़ 16 लाख लोगों को अत्यन्त गम्भीर खाद्य अभाव के ख़तरनाक स्तरों ने प्रभावित किया. खाद्य असुरक्षा के लगातार बदतर होने का यह पाँचवा साल रहा.

यूएन एजेंसियों ने ग़ाज़ा से लेकर सूडान और दीगर स्थानों पर अकाल के बढ़ते जोखिम और बड़े पैमाने पर मौतें होने की आशंका व्यक्त की है.

खाद्य संकटों पर नवीनतम वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, 59 देशों में हर पाँच में से एक व्यक्ति यानि लगभग 20 प्रतिशत लोगों ने, वर्ष 2023 में अत्यन्त गम्भीर स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना किया. जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 48 देशों में 10 में से एक व्यक्ति यानि लगभग 10 प्रतिशत लोगों की थी.

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन – FAO के जिनीवा स्थित सम्पर्क कार्यालय के निदेशक डोमिनीक़ बर्जियॉन ने कहा, “जब हम अत्यन्त गम्भीर खाद्य असुरक्षा की बात करते हैं तो हम ऐसी अत्यन्त गम्भीर भूख स्थिति की बात करते हैं जो लोगों की आजीविकाओं और ज़िन्दगियों के लिए तत्काल जोखिम पैदा करती है.”

“ये ऐसी भूख स्थिति है जिसके अकाल में तब्दील हो जाने और इससे बड़े पैमाने पर लोगों की मौतें होने का डर है.”

COVID-19 जोखिम का स्तर

वैश्विक खाद्य संकट पर रिपोर्ट २०२४ -
FSIN

यह रिपोर्ट खाद्य व कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम – (WFP), यूएन बाल कोष – (UNICEF) ने संयुक्त रूप से तैयार की है. 

रिपोर्ट में पाया गया है कि अलबत्ता वर्ष 2023 में ख़तरनाक रूप से खाद्य अभाव का सामना कर रहे लोगों की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में 1.2 प्रतिशत कम थी, मगर कोविड-19 संकट के बाद से, समस्या गम्भीर रूप से बदतर हुई है.

जब वर्ष 2019 के अन्त में कोरोनावायरस ने अपना क़हर बरपाना शुरू किया था तो 55 देशों में औसतन छह में से एक व्यक्ति, खाद्य असुरक्षा के चिन्ताजनक स्तर का सामना कर रहे थे.

‘ग़ाज़ा में लोग भूख से मौत के मुँह में’

रिपोर्ट के लेखकों ने ध्यान दिलाया है कि वर्ष 2023 में खाद्य संकटों में चिन्ताजनक वृद्धि हुई है. उन्होंने विशेष रूप से ग़ाज़ा और सूडान की स्थितियों पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है. जिनीवा में विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक जियान कार्लो सीरी ने कहा है कि इन स्थानों पर लोग स्पष्ट रूप से भुखमरी का शिकार हो रहे हैं. 

उन्होंने कहा, इसराइल की लगभग 7 महीने की बमबारी के बाद, “लोग अपनी बहुत ही बुनियादी खाद्य ज़रूरतें पूरी करने में असमर्थ हैं." 

"उन्होंने भूख का सामना करने के लिए सभी उपाय और विकल्प आज़मा लिए हैं, जिनमें पशुओं का चारा खाना, भीख मांगना और भोजन ख़रीदने के लिए अपनी बुनियादी चीज़ें बेचने जैसे तरीक़े शामिल हैं.”

“उनके पास समय नहीं बचा है और उनमें से कुछ लोग तो भुखमरी के कारण मौत के मुँह में जा रहे हैं.”

उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों से कहा कि अकाल को रोकने का एक मात्र तरीक़ा यही है कि बहुत ही कम समय में पर्याप्त खाद्य सामग्री की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.