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इंडोनेशिया: भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद, शरणार्थियों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने का आग्रह

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता का एक दृश्य.
Unsplash/Appai
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता का एक दृश्य.

इंडोनेशिया: भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद, शरणार्थियों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने का आग्रह

प्रवासी और शरणार्थी

शरणार्थी मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNHCR) ने इंडोनेशिया के बान्दा आछे शहर में शरणार्थियों पर एक भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद कार्रवाई की अपील की है. इस घटना में प्रभावित हुए लोगों में अधिकाँश महिलाएं व बच्चे हैं. 

मीडिया माध्यमों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सैकड़ों युवाओं ने एक इमारत के तहखाने पर धावा बोला जहाँ रोहिंज्या शरणार्थियों ने शरण ली हुई थी. 

रोहिंज्या, मुख्यत: एक मुस्लिम समुदाय है, जिसने म्याँमार में उत्पीड़न की सिलसिलेवार घटनाओं के कारण जान बचाने के लिए अनेक अन्य देशों में शरण ली है. 

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एक अनुमान के अनुसार, क़रीब 10 लाख लोगों ने बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में पनाह ली है, जबकि हाल के कुछ महीनों में समुद्री मार्ग से एक हज़ार से अधिक लोग इंडोनेशिया पहुँचे हैं.

संरक्षण की पुकार

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने अपने एक वक्तव्य में क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि निर्बल शरणार्थी परिवारों के आश्रय स्थल पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने की घटना व्यथित कर देने वाली है.

UNHCR ने बताया है कि भीड़ ने पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ने के बाद, 137 शरणार्थियों को जबरन एक ट्रक में बैठा करके उसे शहर के एक अन्य इलाक़े की ओर रवाना कर दिया. 

संगठन ने कहा कि इस घटना से शरणार्थी स्तब्ध और सदमे में हैं. 

“UNHCR को शरणार्थियों की सुरक्षा के प्रति गहरी चिन्ता है और स्थानीय क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों से अपील की है कि इन हताश लोगों व मानवतावादी कर्मचारियों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए जल्द क़दम उठाए जाएं.” 

शरणार्थी विरोधी मुहिम

यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि यह हमला कोई इक़लौता हमला नहीं है और यह समन्वित ढंग से ऑनलाइन माध्यमों पर चलाई जा रही मुहिम का नतीजा है, जिसके ज़रिये ग़लत, भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है.

संगठन ने बताया कि शरणार्थियों के विरुद्ध नफ़रत भरी बोली व सन्देशों का प्रसार हो रहा है, और समुद्री मार्ग में हताश ज़िन्दगियों को बचाने के लिए इंडोनेशिया द्वारा की जा रही कोशिशों पर धब्बा लगाया जा रहा है.

यूएन एजेंसी ने आम लोगों से सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर ऐसे सन्देशों के प्रति सतर्कता बरतने का आग्रह किया है, जिनमें स्थानीय प्रशासन, समुदायों, शरणार्थियों व मानवतावादी कर्मियों को निशाना बनाया जाए और नफ़रत उकसा करके, उनके जीवन को ख़तरे में डाला जाए. 

इसके अलावा, लोगों से ऑनलाइन माध्यमों पर जानकारी की पुष्टि करने का भी अनुरोध किया गया है, जिसे अक्सर तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है.