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भारत: निम्न कार्बन उत्सर्जन की राह पर अग्रसर, बिहार भी सक्रिय

भारत में यूनेप और बिहार राज्य सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम - यूनेप, बिहार को इस बदलाव के लिये तकनीकी सलाह व समीक्षा समेत सभी प्रकार की मदद देगा.
UNEP India
भारत में यूनेप और बिहार राज्य सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम - यूनेप, बिहार को इस बदलाव के लिये तकनीकी सलाह व समीक्षा समेत सभी प्रकार की मदद देगा.

भारत: निम्न कार्बन उत्सर्जन की राह पर अग्रसर, बिहार भी सक्रिय

जलवायु और पर्यावरण

भारत में बिहार प्रदेश, एक जलवायु अनुकूल व निम्न कार्बन उत्सर्जक नीति बनाने को तत्पर है. इसी उद्देश्य से शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) - यूनेप और बिहार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत यूनेप, इस बदलाव के लिये, बिहार को, तकनीकी सलाह व समीक्षा समेत सभी प्रकार सहायता प्रदान करेगा. 

बिहार, तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला राज्य है और जलवायु परिवर्तन अनुकूल और कम कार्बन उत्सर्जक होने के मार्ग पर चल कर टिकाऊ विकास के लिये संकल्पबद्ध है.

बिहार की आर्थिक वृद्धि दर, औसतन 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ,  2019/20 से पहले के तीन वर्षों में,  राष्‍ट्रीय अर्थव्यवस्था की तुलना में ऊँची रही है.

लेकिन बिहार, भारत के उन राज्यों में भी शामिल है जिन पर जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक पड़ने की आशंका है, जिसके कारण, उसके विकास सम्बन्धी प्रयासों के लिये ख़तरा उत्पन्न होता है.

राज्य की आर्थिक वृद्धि को निरन्तर आगे बढ़ाने के लिये, टिकाऊ विकास की रणनीति अपनाना बेहद आवश्यक है. 

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपाय स्थानीय स्तर पर अपनाने और जलवायु परिवर्तन का असर कम करने के राष्‍ट्रीय प्रयासों में राज्य सरकारों की भूमिका अहम है. इसी के मद्देनज़र, बिहार राज्य सरकार ने टिकाऊ विकास की राह अपनाकर नया मार्ग प्रशस्त किया है.

बिहार सरकार की यूनेप समर्थित पहल, देश के अन्य राज्यों को भी जलवायु परिवर्तन अनुकूल व निम्न कार्बन उत्सर्जन के विकास मार्ग पर चलने के लिये प्रेरित करेगी.

इसे लेकर, शुक्रवार को वजूद में आए सहमति-पत्र अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूनेप), बिहार सरकार को उसकी ख़ुद की, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों की सूची तैयार करने और जलवायु परिवर्तन पर राज्य की स्थिति एवं उससे होने वाले नुक़सान की आशंका का आकलन करने में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.

साथ ही, यूनेप, जलवायु परिवर्तन के बारे में राज्य की योजनाओं में संशोधनों के सुझाव भी देगा. 

सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने के दौरान, संयुक्त राष्ट्र सहायक महासचिव एवं यूनेप के न्यूयॉर्क कार्यालय के प्रमुख, सत्या एस त्रिपाठी ने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, निम्न कार्बन उत्सर्जन की दिशा में भारत का मार्ग प्रशस्त करने के लिये, बिहार के साथ सहयोग करने के लिये उत्सुक है. यूनेप और बिहार प्रदेश सरकार की यह भागेदारी, सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है.”

इस अवसर पर भारत के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्य मन्त्री, बाबुल सुप्रियो ने कहा, “जलवायु परिवर्तन भविष्य के लिये ख़तरे की घंटी है और इससे निपटने के लिये तत्काल कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है. टिकाऊ पर्यावरण के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन का असर कम करने और उसके अनुरूप चलना, भारत सरकार की कार्रवाई का एक प्रमुख क्षेत्र है." 

"बिहार को जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक बनाने के लिये, यूनेप के साथ बिहार सरकार के इस प्रयास से, हमें बेहद प्रसन्न्ता हो रही है. यह सही दिशा में उठाया गया एक प्रमुख क़दम है, जिसका उद्देश्य मौजूदा नीतियों को पुष्ट करना व जलवायु परिवर्तन का असरदार ढंग से सामना करने के लिये सक्रियता से कार्रवाई करना, और समय की आवश्यकता के अनुरूप कारगर क़दम उठाना है.” 

वहीं बिहार प्रदेश के उप-मुख्यमन्त्री, तारकिशोर प्रसाद ने इस लक्ष्य के लिये प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, “इससे राज्य सरकार के हरित प्रयासों, जैसे जल-जीवन हरियाली अभियान, कृषि रोड मैप, नवीकरणीय ऊर्जा नीति, स्वच्छ ईंधन नीति आदि को बल मिलेगा." 

दुनिया के अधिकतर देशों ने इस शताब्दी के मध्य तक कुल शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया है.

दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के 51 फ़ीसदी भाग के लिये ज़िम्मेदार 126 देशों ने, वर्ष 2021 की शुरूआत तक, नैट ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्यों का औपचारिक अनुमोदन किया है, घोषणा की है, या उस पर विचार कर रहे हैं.